भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाण भारती।
तस्यां हि काव्यं मधुरं तस्मादपि सुभाषितम्॥

Tuesday, April 6, 2010

३३. यौवनम् धनसम्पत्ति: प्रभुत्वमविवेकिता |

३३. यौवनम् धनसम्पत्ति: प्रभुत्वमविवेकिता |
एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम् ||

अर्थ

तारुण्य, संपत्ती, प्रभुत्व आणि अविवेक यातिल एक एक गोष्ट देखिल विनाशाला कारणीभूत होते, मग जिथे चारही गोष्टी एकत्र असतील तर त्याची काय कथा?

Hindi translation:

तरुणाई, धन, अधिकार और अविवेक — इन में से एक भी बात विनाश का कारण बन सकती है, तो जहाँ ये चारों एक साथ हों, वहाँ का हाल क्या होगा!

English translation:

Youth, wealth, power, and recklessness — even one of these can lead to destruction; so imagine what happens when all four come together.

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